Sevala Maharaj ki vichardhara
संत सेवालाल – समाजसुधारक महापुरुष (SANT SEVALAL MAHARAJ) गोर बंजारा निसर्गकी पूजा करनेवाली जमात है। निसर्ग से जुडी शक्तीधारक पृथ्वी, जल, अग्नी, वायू, सुर्य की पूजायह जमांत प्राचीन कालसे करती आ रही है। आज भी बंजारोंके तांडे तीज त्योहार संस्कार में पंच तत्व की पूजा की जाती है। इतनाही नही आदिम शक्ती की देवी सप्त देवी की पूजा बंजारा जमात करता है। तुळजाभवानी, जगदंबा, शितल, हगला, मंथराळा अंबा या सप्त देवी के कृपा अशिर्वाद से संत सेवालाल महाराज का जन्म हुआ इस मंथराळा अंबा या सप्त देवी के कृपा अशिर्वाद से संत सेवालाल महाराज का जन्म हुआ इस दंतकथामे बंजारा जमात विश्वास करती है। इ.स.15 फेबुवारी 1739 के शुभ दिन उस समय के म्हैसुर प्रांत और वर्तान आंध्र प्रदेश के अनंतपुरम जिले की गोलालडोडी तांडा मे सेवाभाया का जन्म हुआ। उनके पिताजी का नाम भीमनायक और माताजी का नाम धमरणी था। भीमा नायक तांडा के नायक (मुखिया) थे और गाय, भैंस जनावर पाल पोषकर अपनी रोजीरोटी कमाते थे। सेवाभायका के समय में भारत के आंध्रप्रदेश में निझाम की राजसत्ता थी। उन्ही के समय में बंजारोंका परंपरागत व्यवसाय बंद हो गया। सैनिको...